भारत सरकार
रेल मंत्रालय
(रेलवे बोर्ड)
सं.टीसी II/2910/83/मेट्रोनई दिल्ली, दि. 25.01.1988
अधिसूचना
कलकत्ता मेट्रो रेलवे अधिनियम (परिचालन एवं अनुरक्षण) अस्थायी प्रावधान अधिनियम, 1985 (1985 का 10) की धारा 22 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्रीय सरकार एतदद्वारा निम्नलिखित नियम बनाती है, नामत :-
1.संक्षिप्त शीर्षक एवं प्रारंभ :- (1) इन नियमों को मेट्रो रेलवे नियम (सामान वहन), 1988 कहा जाएगा।
(2) ये नियमें 1 फरवरी, 1988 से प्रभावी माने जाएंगे।
2.साथ ले जाने हेतु अनुमेय वस्तुएं :- मेट्रो रेलवे में यात्रा के दौरान कोई भी व्यक्ति व्यक्तिगत प्रयोग की वस्तुएं जैसे टिफिन बास्केट, छोटे हैंड बैग या अटैची केश, छाता या चलने की छड़ी आदि ले जा सकता है।
3.सामानों को ले जाने की शर्त्तें :- नियम 2 के अधीन अनुमेय व्यक्तिगत सामानों की वस्तुओं को किसी भी व्यक्ति द्वारा वहन किया जा सकता है यदि वे ;-
(a) किसी प्रकार की दुर्घटना या बाधा या अन्य यात्रियों के लिए असुविधा उत्पन्न न करें ;
(b) 10 किलोग्राम से अधिक वजनदार न हों; और
(c) आकार में बड़े न हों।
4. वस्तुएं जिन्हें साथ ले जाने की अनुमति नहीं है;-
कोई भी व्यक्ति अपने साथ नहीं ले जाएगा –
(a)घातक वस्तुएं जैसे कि गीले चमड़े, चर्म, मृत पॉल्ट्री एवं गाड़ा रक्त (गोर) आदि।
(b) खतरनाक वस्तुएं जैसे कि किसी भी प्रकार के पटाखे, ज्वलनशील पदार्थ यथा तेल, ग्रीज, घी, पेंट, किसी भी प्रकार की सूखी घास एवं पत्तियां, रद्दी कागज, एसीड एवं अन्य संक्षारक पदार्थ; या
(c) मृत शरीर।
5.अपराध एवं दंड :-(1) कोई भी व्यक्ति जिसे नियम 4 का उल्लंघन करते हुए घातक या विस्फोटक या खतरनाक वस्तुओं का वहन करने का दोषी पाया जाता है उसपर कलकत्ता मेट्रो रेलवे (परिचालन एवं अनुरक्षण) (अस्थायी प्रावधान), अधिनियम, 1985 के धारा 8 के अधीन कार्रवाई किया जा सकता है।
(2) उप नियमों में निहित किसी भी अपराध के लिए जुर्माने के साथ दंड भी दिया जा सकता है जो घातक वस्तुओं के वहन के लिए पांच सौ रुपये तक हो सकता है तथा खतरनाक वस्तुओं के वहन के लिए पांच हजार तक का जुर्माना एवं चार वर्ष की कारावास भी हो सकती है। मेट्रो रेलवे में इस प्रकार की वस्तुओं के वहन के कारण होनेवाले किसी भी प्रकार की हानि, चोट या क्षति के लिए भी दोषी व्यक्ति जिम्मेवार होगा।
ह/-
( एस. एम. वैश)
सचिव, रेलवे बोर्ड