सभी भारतीय क्षेत्रीय रेलों की प्रवृति के विपरीत जहाँ माल भाड़ा ही राजस्व का प्रमुख स्रोत है, मेट्रो रेलवे की राजस्व का प्रमुख स्रोत यात्री आमदनी एवं अन्य फुटकर आय हैं जो संपति के वाणिज्यिक दोहन, विज्ञापन आदि के माध्यम से प्राप्त किए जाते हैं। यहाँ कोई माल यातायात सेवा नहीं है। पिछले पाँच वर्षों के दौरान यात्री एवं अन्य फुटकर आय निम्नानुसार हैं इस बात के बावजूद कि 2001 से किराए में कोई वृद्धि नहीं की गई है।
पिछले 5 (पाँच) वर्षों के दौरान मेट्रो रेलवे, कोलकाता के कुल आय की स्थिति (यात्री एवं फुटकर) (आँकड़े करोड़ रुपयों में) | वर्ष | यात्री |
| फुटकर एवं अन्य |
| कुल |
| 2009-10 | 73.72 |
| 14.98 |
| 88.70 | 2010-11 | 86.98 |
| 16.17 |
| 103.15 | 2011-12 | 91.36 |
| 15.78 |
| 107.14 | 2012-13 | 96.93 |
| 16.64 |
| 113.57 | 2013-14 | 130.44 |
| 14.83 |
| 145.27 |
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