राजभाषा विभाग
संक्षिप्त इतिहास
vमेट्रो रेलवे में राजभाषा विभाग एवं हिंदी पुस्तकालय की स्थापना सन् 1987 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं तत्कालीन सांसद श्री अटल बिहारी बाजपेयी के कर कमलों से हुई।
vमेट्रो रेलवे में राजभाषा विभाग की यात्रा एक राजभाषा सहायक, ग्रेड-। एवं एक राजभाषा सहायक, ग्रेड-।। की पदस्थापना के साथ आरंभ हुई। बाद में हिंदी टंकक का एक पद भी स्वीकृत किया गया।
vहिंदी सहायक, ग्रेड-। के पद पर श्री पी.के.गुप्ता एवं हिंदी सहायक, ग्रेड-।। के पद पर श्री नरेश कुमार शर्मा मेट्रो रेलवे में राजभाषा के प्रयोग-प्रसार के प्रथम कर्ताधर्ता बने।
vकालांतर में राजभाषा विभाग के कार्यक्षेत्र में उत्तरोतर वृद्धि के साथ ही मेट्रो की कार्यबल क्षमता में वृद्धि होती गई।
v1992 में राजभाषा अधिकारी (ग्रुप-बी) का एक पद स्वीकृत किया गया।
v1995 में रेलवे बोर्ड द्वारा मेट्रो रेलवे के लिए राजभाषा अधीक्षक का 01 पद और राजभाषा सहायक, ग्रेड-1 का 01 पद स्वीकृत किया गया।
vराजभाषा संवर्ग के पदनाम समय-समय पर संशोधित व परिवर्तित होते रहे हैं। वर्तमान में ये पद वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी और कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी के रूप में पदनामित हैं।
राजभाषा विभाग का संगठनात्मक ढांचा
मुख्य राजभाषा अधिकारी |
उप मुख्य राजभाषा अधिकारी |
राजभाषा अधिकारी |
वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी | कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी | वरिष्ठ आशुलिपिक |
वा.पोर्टर |
विभाग के अभिप्राय :
राजभाषा विभाग का गठन रेलवे बोर्ड के मार्गदर्शन एवं दिशानिर्देशों के आलोक में राजभाषा नीति एवं नियमों के अधीन राजभाषा संबंधित संवैधानिक प्रावधानों के अनुपालन का अनुवीक्षण और समीक्षा करने के उद्देश्य से किया गया है। विभाग के कार्य अथवा सेवाएं पुरस्कार, प्रोत्साहन और प्रेरणा के माध्यम से राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए हैं। इस अभिप्राय की प्राप्ति के लिए विभाग द्वारा विभिन्न तंत्रों यथा हिंदी भाषा, हिंदी टंकण, हिंदी आशुलिपि, कंप्यूटर पर हिंदी कुंजियन प्रशिक्षण, कार्यशालाएं, संगोष्ठियां व सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि का माध्यम अपनाया जाता है।
प्रकार्यों और कर्तव्यों का विवरण
1.अनुवाद प्रकोष्ठ
vधारा (3) के अंतर्गत आनेवाले समस्त दस्तावेजों का अनुवाद
vकोड-मैनुअल, प्रक्रिया संहिताओं का अनुवाद
vविभिन्न विभागों से प्राप्त विविध प्रकृति के दस्तावेजों का अनुवाद
vस्टेशन संचालन नियम, सामान्य नियम आदि का अनुवाद
vविभागीय परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों का अनुवाद
2.कार्यान्वयन प्रकोष्ठ
vप्रशासनिक कार्य:
·अधिकारी व कर्मचारी स्थापना संबंधी कार्य
·बजट निर्धारण
·विभिन्न खर्चों का लेखा जोखा देना
·कार्यालय के लिए आवश्यक सामग्री का प्रापण, खरीद
·राजभाषा पत्रिका का प्रकाशन
·संसदीय समिति व अन्य निरीक्षणों पर कार्य
·हिंदी पुस्तकालय का संचालन (मुख्यालय एवं नोआपाड़ा शाखा)
·रेलवे बोर्ड एवं गृह मंत्रालय को भेजे जानेवाले मासिक,त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक, वार्षिक व अन्य रिपोर्टें।
·कार्यालयों का निरीक्षण
·राजभाषा कार्यान्वयन समिति की तिमाही बैठकों का आयोजन
vक्रियान्वयन :
·राजभाषा प्रशिक्षण (प्रवीण/प्राज्ञ)
·हिंदी टंकण/हिंदी आशुलिपि प्रशिक्षण
·हिंदी कुंजीयन प्रशिक्षण
·प्रत्येक तिमाही में हिंदी कार्यशाला का आयोजन
·प्रत्येक तिमाही में राजभाषा संगोष्ठी का आयोजन
·प्रत्येक वर्ष हिंदी दिवस के अवसर पर राजभाषा पखवाड़ा, राजभाषा सप्ताह का आयोजन, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए प्रश्न मंच, निबंध, वाक, टिप्पण व प्रारूप लेखन, वाद-विवाद आदि जैसे प्रतियोगिताओं का आयोजन।
·राजभाषा पखवाड़ा समापन सह पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन
·अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों का आयोजन
·रेल नाट्योत्सव का आयोजन
विभाग द्वारा संचालित विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं :
Øव्यक्तिगत पुरस्कार योजना
Øचल शील्ड पुरस्कार
Øआशुलिपि पुरस्कार
Øभाषा प्रशिक्षण पुरस्कार
Øहिंदी डिक्टेशन पुरस्कार
Øमूल रूप से हिंदी में कार्य करने हेतु पुरस्कार
Øरेलमंत्री स्वर्ण/रजत पदक पुरस्कार
Øमौलिक लेखन, यात्रा वृत्तांत पुरस्कार योजना
पुस्तकालय :
रवींद्र हिंदी पुस्तकालय :राजभाषा के प्रयोग-प्रसार को प्रोत्साहित व प्रेरित करने के उद्देश्य से राजभाषा विभाग रेलवे बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुरूप हिंदी पुस्तकालयों का संचालन करता है। मेट्रो भवन के 9वें तल पर रवींद्र हिंदी पुस्तकालय एवं वाचनालय स्थित है जहां पाठकों के लिए विभिन्न विधाओं पर पर्याप्त संख्या में पुस्तकें, पत्र पत्रिकाएं एवं समाचार पत्र आदि उपलब्ध हैं। अधिकारी व कर्मचारीगण इन संसाधनों का लाभ उठाते हैं।
विद्यासागर हिंदी पुस्तकालय: मेट्रो रेलवे के नोआपाड़ा कारशेड में यह पुस्तकालय अवस्थित है जो कारशेड में कार्यरत कर्मियों के लिए पुस्तकें, पत्र पत्रिकाएं एवं समाचार पत्र आदि उपलब्ध कराती है।