·कवि सुभाष से नोआपाड़ा तक तीन तरफा (three aspect) स्वचालित सिगनलिंग की व्यवस्था की गई है और संपूर्ण ट्रैक सेक्शन 10 स्थानों पर लगाए गए 20 मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सेल काउंटर (MSDAC) से नियंत्रित हैं। इन मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सेप्ट काउंटर (MSDAC) की केंद्रीकृत मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुविधा भी उपलब्ध है।
·मेट्रो रेलवे पर24 स्टेशनों में से 16 स्टेशनों पर पैनल इंटरलॉकिंग की व्यवस्था है जिनमें से ऑटोमेटिक जिनमें सभी ऑटोमेटिक सिग्नल हैं और शेष8 पूरी तरह स्वचालित या ऑटोमेटिक हैं। टॉलीगंज कारशेड और कवि सुभाष कारशेड पर रूट रिले इंटरलॉकिंग व्यवस्था का प्रावधान रखा गया है। नोआपाड़ा कार डिपो पर खाली रेकों के निर्बाध/सुचारू आवागमन के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की व्यवस्था की गई है। सिगनलिंग व्यवस्था की विश्वासनीयता को उन्नत करने की दृष्टि से समस्त सिग्नल एलईडी (LED) प्रकार के हैं। आई.डी.एस.ओ के विनिर्देशों निर्देशों के अनुसार सुरंग सेक्श्ानों में विशेष प्रकार के छोटे-छोटे एलईडी सिगनलों की व्यवस्था रखी गई है।
·दोहरी जांच सुनिश्चित करने के लिए कवि सुभाष से दमदम के बीच एवं समस्त कारशेडों में ट्रैक की उपलब्धता (खाली है या नहीं) जांच की विश्वसनीयता को उन्नत करने के दृष्टिकोण से कुल224 FTGS (ऑडियो फ्रिकवेंसी ट्रैक सर्किट) का प्रावधान किया गया है।
·पावर आपूर्ति व्यवस्था को और बेहतर बनाते हुए समस्त पैनल इंटरलॉकिंग स्टेशनों पर इंटीग्रेटेड पावर सप्लाई की व्यवस्था की गई है।
·माइक्रोप्रोसेसर आधारित डाटा लॉगर सिस्टम - समस्त स्टेशनों पर डाटा लॉगर लगाए गए हैं ताकि रियल टाइम डाटा प्राप्त किया जा सके। डाटा एक्सेल प्रक्रिया को द्रुत एवं विश्वसनीयता बनाते हुए ई1 चैनल के माध्यम से दो लूपीय व्यवस्था सह डाटा लॉगर नेटवर्किंग की व्यवस्था है। विफलताओं की तुरंत पहचान और विश्लेषण के लिए सिग्नल कर्मचारी एवं अधिकारीगण एस.एम.एस (शार्ट मैसेज सर्विस) के माध्यम से जुड़े हुए हैं। साथ ही मेट्रो भवन में एनएमडीएल सॉफ्टवेयर के माध्यम से केंद्रीय रूप से दोष/त्रुटि मॉनिटरिंग एवं विश्लेषण का विकल्प मौजूद है।
·सेंट्रल कंट्रोल में गाड़ियों के संचलन को रियल टाइम आधार पर मॉनिटर करने के लिए ट्रेन डिस्क्राइबर सिस्टम (वीडियो वाल) और ऑटो ट्रेन चार्टिंग का प्रावधान है।
·मेट्रो रेलवे में टीपीडब्ल्यूएस सिस्टम शुरू किया गया है। यह ड्राइवरों के लिए सेफ्टी Aid है, खासतौर पर खतरा सिगनलों को पार करने से रोकने के लिए। 26.10.2013 को लाइन साइड उपस्कर एवं 20.02.14 को समस्त एसी रेकों के ऑन बोर्ड उपस्कर शुरू किए गए तथा उपलब्ध गैर ए.सी. रेक 30.8.2014 को शुरू किए गए।